पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर सिंधिया के भाजपा से जुड़ने पर उन्होंने कहा- ये लड़ाई नेहरू-गांधी और गोडसे की विचारधारा की लड़ाई है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गोडसे को चुना। हमें इस बात का दुख है। इससे पहले सिंह के नामांकन को लेकर संशय की स्थिति बन गई थी क्योंकि जब वे नामांकन के लिए पहुंचे, तब तक पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार ही नहीं बनाया था। इस बारे में जब प्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- पार्टी दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित कर देगी। अगर प्रत्याशी नहीं बनाए गए तो नामांकन कैसे दाखिल करेंगे?
इससे पहले बुधवार शाम जब मीडिया ने दिग्विजय सिंह से पूछा था कि उन्हें राज्यसभा का प्रत्याशी कब बनाया जाएगा? तो उन्होंने कहा था कि इस संबंध में कमलनाथ जी से पूछिए, वही बताएंगे।
सिंह ने कहा- सिंधिया से बेहतर मुख्यमंत्री भाजपा में नहीं होगा
सिंह ने मीडिया के सामने दावा किया कि सिंधिया के कहने पर सैकड़ों तबादले हुए। मेरे गृह जिले में कलेक्टर-एसपी बदले गए। सिंधिया के मुताबिक टिकट बांटे गए। उनके विधायक मंत्री बनाए गए। उन्हें अध्यक्ष बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं थी। हमें राज्यसभा भेजने में कोई दिक्कत नहीं थी। सिंधिया को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया था...लेकिन, वो तुलसी सिलावट को डिप्टी सीएम बनाना चाह रहे थे। सिंधिया से बेहतर मुख्यमंत्री भाजपा में नहीं होगा।